Skip to main content

पिंक सिटी - जयपुर, राजस्थान | Pink City - Jaipur, Rajasthan

पिंक सिटी - जयपुर, राजस्थान | Pink City - Jaipur, Rajasthan  जयपुर एक समृद्ध और अनूठी संस्कृति को समाहित करता है जो अन्य शहरों में मिलना मुश्किल है। इसका एक बहुत ही विशिष्ट स्वाद और अनुभव है, जो नियमित आगंतुकों को बार-बार आकर्षित करता है! हर त्योहार उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। समृद्ध स्मारक विरासत निश्चित रूप से अपनी तरह की एक लंबी सूची है जिसमें आमेर किला, जल महल, हवा महल कुछ नाम शामिल हैं! जयपुर क्यूंकि एक गर्म जगह है तो यहाँ जाने का सबसे अच्छा time होगा अक्टूबर से मार्च। इस time हर जगह ठण्ड होती है तो जयपुर में घूमने का आनंद ले सकते हैं। अप्रैल से सितम्बर हर जगह गर्म होता है तो जयपुर और भी गर्म होता है तो घूमने से ज़्यादा गर्मी से परेशां हो जायेंगे।  पिंक सिटी - जयपुर, राजस्थान कैसे पहुंचे | How To Reach Pink City - Jaipur, Rajasthan  बस | Bus : दिल्ली से जयपुर की 282 km की दूरी 6 - 7 घंटे में बस से पूरी की जा सकती है और इसका किराया 200 - 800 रुपये आएंगे।  ट्रेन | Train :  दिल्ली से जयपुर की 282 km की दूरी 6 - 7 घंटे में ट्रेन  से पूरी की जा सकती है और इसका किराया 600 - 120

केदारकंठ, उत्तराखंड | Kedarkantha, Uttarakhand

केदारकंठ, उत्तराखंड | Kedarkantha, Uttarakhand 


भारत में सबसे अच्छे winter trek में से एक माना जाने वाला केदारकंठ उन Himalayan Treks में से एक है। यह trek उनके लिए है जिन्हें हिमालय पे घूमना पसंद है और जो एक experienced trekker है। केदारकंठ trek पे जाने वाले लोगों को बर्फीली पहाड़ियों और जंगलों से हो के गुज़रना होता है। घने ओक और देवदार के जंगलों, चौड़ी-खुली हरी घास के मैदान, शांत झीलों, और हिमालय की चोटियों के मनोरम दृश्यों के साथ,केदारकंठ trek चुनौती, रोमांच और लुभावने दृश्यों का सही मिश्रण प्रस्तुत करता है।

केदारकंठ trek 6,000 फीट की ऊंचाई पर स्थित उत्तराखंड के संकरी गांव से शुरू होता है। लगभग पूरे रास्ते में बर्फ से ढकी चोटियों के मनोरम दृश्यों के साथ, केदारकंठ trek घने देवदार और ओक के पेड़ के जंगलों, जमी हुई झीलों और बर्फीली पगडंडियों से होकर 12,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारकंठ चोटी की ओर जाता है। 

जैसा कि पौराणिक संदर्भों में और उत्तराखंड के आसपास के अधिकांश स्थलों के साथ है, केदारकंठ का संदर्भ सीधे महाभारत से आता है, जो दावा करता है कि केदारकंठ वह स्थान है जहां भगवान शिव ने अपने बैल अवतार में पांडवों से शरण मांगी थी और घाटी में ध्यान लगाया था, लेकिन स्थानीय लोगों द्वारा परेशान होने पर, वह बाद में वहाँ से आगे केदारनाथ चले गए।  ऐसा माना जाता है कि भगवान शिव का त्रिशूल, जो वहां की चोटी पर स्थित है, घाटी और उसके लोगों की रक्षा करता है।

वैसे तो केदारकंठ trek पूरे साल किया जा सकता है, लेकिन सर्दियों के महीनों दिसंबर से अप्रैल को सबसे अच्छा माना जाता है, जिससे trekkers को हिमालय की बर्फीली पहाड़ियों में रहने और घूमने का मौका मिलता है।


केदारकंठ, उत्तराखंड कैसे पहोचे | Reaching Kedarkantha, Uttarakhand 

दिल्ली से केदारकंठ | Delhi To Kedarkantha : दिल्ली से केदारकंठ की दूरी 470 - 475 km है और आपकी यहाँ की trip 6 - 7 दिन में पूरी हो जाएगी अगर आपको बहोत ही अच्छे से यहाँ time बिताना है तो। आपको अपनी ये trip टुकड़ो में पूरी करनी होगी जैसे दिल्ली से देहरादून, देहरादून से संकरी गांव, संकरी से जुदा का तालाब और जुदा का तालाब से केदारकंठ। आइये आपको एक आसान सी itinerary बताते हैं केदारकंठ जाने की 

दिल्ली से देहरादून | Delhi To Dehradoon : दिल्ली से देहरादून की दूरी 260 km है जहाँ 7 - 8 घंटे में पहोंचा जा सकता है। देहरादून पहोचने के लिए आपको दिल्ली से प्लेन, ट्रेन, बस या कार मिल जाएँगी। दिल्ली से देहरादून के लिए वोल्वो, डीलक्स, सेमी-डीलक्स या यूपीएसआरटीसी बसों का विकल्प चुन सकते हैं जिसकी कीमत रु 400 आएगी। अधिकांश प्रमुख शहरों से देहरादून के जॉली ग्रांट हवाई अड्डे के लिए प्लेन्स भी उपलब्ध हैं। ट्रेन से जाने के लिए नंदा देवी AC एक्सप्रेस सहित दिल्ली से देहरादून के लिए रात भर की ट्रेनें उपलब्ध हैं, जो दिल्ली से 11:50 बजे निकलती है और सुबह 5:40 बजे देहरादून पहुंचती है। बसों की तुलना में ट्रेनें भी अधिक आरामदायक विकल्प हैं। अगर वैसे तो आप अपनी गाड़ी से भी केदारकंठ की trip पूरी कर सकते हैं, अगर आपकी खुद की गाड़ी है तो आपको बस रहने, खाने और पेट्रोल का खर्च आएगा, लेकिन अगर आप किराय की गाड़ी से जाते हैं तो आपको रु 10 एक km के हिसाब से पैसे देने होंगे। 

देहरादून से संकरी गाँव | Dehradoon To Sankri Village : देहरादून से संकरी गाँव 220 km दूर है जहाँ पहोचने में 10 - 11 घंटे लगेंगे और इसकी ऊंचाई 6400 फ़ीट है। देहरादून से संकरी तक सड़क मार्ग से या तो निजी वाहन, बस या cab किराए पर लिया जा सकता है। अगर आप गाड़ी से जा रहे हैं तो देहरादून - पुरोला - मोरी - नैतवार - संकरी वाला route सबसे अच्छा होगा, यहाँ से shared taxi भी संकरी गाँव के लिए जाती हैं जिनका किराया रु 5000 - 6000 आता है जिसे 5 लोगों में divide कर सकते हैं। अगर आप बस से जा रहे हैं तो देहरादून से सांकरी के लिए मसूरी बुस्टैंड (आईएसबीटी से 4 किमी दूर) से दो बसें सुबह 5 बजे और दूसरी सुबह 7 बजे उपलब्ध हैं जिनका किराया लगभग रु 300 आएगा। 

संकरी से जुदा का तालाब | Sankri To Juda Ka Talab : संकरी से जुदा का तालाब की दूरी 5 km है जिसे 5 घंटे में पूरा किया जा सकता है और इसकी ऊंचाई 9100 फ़ीट है। हरे घास के मैदानों और घने देवदार और ओक के जंगलों के बीच से बेस कैंप से लगभग 5 किमी का रास्ता आपको जूडा का तालाब campsite तक ले जाता है। जुडा का तालाब जैसा कि नाम से पता चलता है एक शांत जमी हुई झील है जो कभी दो झील हुआ करती थी लेकिन अब एक में मिल गई है।

जुदा का तालाब से केदारकंठ बेस कैंप | Juda Ka Talab To Kedarkanth Base Camp : जुदा का तालाब से केदारकंठ बेस कैंप की दूरी 4 km है जिसे 3 घंटे में पूरा किया जा सकता है और इसकी ऊंचाई 11250 फ़ीट है। जुडा का तालाब से, शुरू में घने देवदार के जंगलों के बीच से 4 km का trek बाद में ऊंचे पहाड़ी दृश्यों से खुलता है, जो आपको 11,150 फीट पर स्थित केदारकंठ बेस कैंप तक ले जाता है। यहां से Bandarpoonch, Swargarohini, Kala Nag, and Ranglana सहित आसपास की बर्फ से ढकी चोटियों के मनोरम दृश्यों का आनंद लिया जा सकता है। यहां से केदारकांठा चोटी भी साफ दिखाई देती है।

केदारकंठ बेस कैंप से केदारकंठ ---> हरगांव | Kedarkanth Base Camp To Kedarkanth Peak--->Hargaon : केदारकंठ शिखर, एक त्रिशूल जो की आसमान की तरफ है बेस कैंप से लगभग 2 घंटे की दूरी पर है और यहाँ कई मार्गों से पहुँचा जा सकता है। यहाँ सूर्योदय से पहले (7 बजे) जाना सही होता है ताकि आप एक सुन्दर सूर्योदय देख सके इसलिए सुबह 3 बजे से पहले trek शुरू करने की सलाह दी जाती है। लुभावने सूर्योदय के अलावा, केदारकंठ शिखर से गंगोत्री, यमुनोत्री, चंशील पास और किन्नौर कैलाश पर्वत सहित आसपास के हिमालय पर्वतमाला के 360-डिग्री दृश्य देखने का मौका मिलता है ।


संकरी में रुकने की जगह | Stays In Sankri : सांकरी एक सुदूर गाँव है जहाँ सीमित संख्या में home stays और कुछ होटल हैं। अगर आप home stays में रुकते हो आपको हिमालय और पहाड़ों के रेहेन-सेहेन के बारे में ज़्यादा जानने को मिलेगा और कम पैसे में आपका काम भी हो जायेगा। हालांकि, दिसंबर से मार्च तक सर्दियों के मौसम के दौरान पूर्व बुकिंग अनिवार्य हो जाती है क्योंकि इसी time यहाँ पे ज़्यादा लोग आते है। ध्यान दें कि संकरी में एटीएम या बैंक नहीं हैं, इसलिए यहां आने से पहले अपने साथ पर्याप्त cash रखें।

केदारकंठ में रुकने की जगह | Stays In Kedarkanth : केदारकंठ trail में कोई home stays नहीं है, और trail पर मौजूदा campsites पर भरोसा करना या खुद से camping करना ही आपका एकमात्र विकल्प है। यदि आप किसी organization के साथ trekking कर रहे हैं जिसमें आवास शामिल है तो आपको उसके बारे में चिंता करने की ज़रूरत नहीं होगी क्योंकि आप उनके campsites  में रहेंगे। 


परमिट - केदारकंठ ट्रेक के लिए | Permit For Kedarkanth Trek : गोविंद विहार राष्ट्रीय उद्यान के अधिकारियों द्वारा लागू एक अनिवार्य नियम के रूप में, केदारकंठ ट्रेकिंग परमिट केवल तभी जारी किए जाते हैं जब आप वन विभाग के साथ पंजीकृत स्थानीय गाइड के साथ हों। संकरी में वन कार्यालय से आवश्यक परमिट प्राप्त करने में स्थानीय गाइड भी आपकी मदद करेगा। एक स्थानीय गाइड को किराए पर लेना न केवल आपकी सुरक्षा सुनिश्चित करता है कि आप सही रास्ते पर रहें और ट्रेक पर आपात स्थिति और अन्य अनिश्चितताओं से निपटने में मदद करें, बल्कि यह आपको क्षेत्र की स्थानीय संस्कृति और भूगोल के बारे में भी बताता है। 

तो ये थी केदारकंठ में कब, कैसे, और क्या करें और आपकी trip plan करने की पूरी detail, इस उम्मीद के साथ ये blog यही ख़तम करते हैं की आपकी trip plan करने में ये थोड़ी मदद करेगा। अगर आपको केदारकंठ या आपकी किसी भी उत्तर प्रदेश, हिमाचल या उत्तराखंड की trip को ले के कोई जानकारी चाहिए तो आप comment box में ज़रूर पूछें। मिलते हैं अगले blog में तबतक स्वस्थ रहे मस्त रहे और mere blogs को पढ़ते रहें।

Comments